सुर के पंख लगाय दियो रे ...
सुर के पंख लगाय दियो रे ...
मोरा बेडा पार कराय दियो रे
उंच नीच के परे सिधारा
उकताया था मन बंजारा
धरती पर्बत सबकुछ छूटा
नदिया समंदर लागे झूटा
ऐसो गगन पे बिठाया दियो रे ... मोरा
बेडा पार कराय दियो रे
भूख भुलाई, प्यास भुलाई
तार जिया की युं झनकाई
सांसे मध्दम लय में भागे
जिंदा आंखें खोयी लागे
कैसो जहर ये पिलाय दियो रे ... मोरा
बेडा पार कराय दियो रे
कवीः वैभव जोशी
चित्रपट - पाउलवाट
मूळ दुवा - http://paulwaatthefilm.com/song
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