ख्वाब
ख्वाब -1
कोई आया था कोई आया था
कहते रहती है महकती सांसे
..... उसको आदत है खुशबूओंवाली
नजरें मिलतीं हैं बात होती है
और इतने में सुबह होती हैं
.... हम कभी ख्वाब छू नहीं पाये
ख्वाब -2
रातभर के लिये ठहरने को
एक आवारागर्द पंछी ने
.... आंखों में घोंसला बनाया हैं
उम्रभर साथ साथ चलकर भी
जिंदगी आज भी परायी है
.... ख्वाब तो खैर ख्वाब होता है
कवीः वैभव जोशी
चित्रपट - पाउलवाट
मूळ दुवा - http://paulwaatthefilm.com/song
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