मराठी कविता संग्रह

..( आमीन )..

19:28 सुजित बालवडकर 1 Comments Category : ,

Tanveer Siddiqui
हर रोज बहलाता हूँ बच्चे को चाँद दिखाकर
एक दिन मै जरुर दूँगा उसे खिलौना लाकर

मै अबतक नहीं सिख पाया माँ बाप से सबकुछ
वे चालाकी से डकारते है आधे पेट खाकर

लड़की का बोझ तो समझने लगी मेरी बेटी
बस उससे नजर मिला पाऊ हिम्मत जुटाकर

एकदिन मेरे बच्चे बहोत ऊँचाई पे उड़ेंगे
एकदिन मै भी लाऊँगा आसमाँ कमाकर

मै जानने लगा जो मेरा है मुझे सब मिलेगा
तबसे दुआँ भी करता हूँ मेरे ख्वाब घटाकर

बरकत हो रदीफ़ काफिये में, एक दिन ही सही
एक ही गजल लिखूंगा वो भी नाम हटाकर

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- तनवीर सिद्दीकी

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